Devara Review सैफ अली खान की दमदार एनर्जी और जूनियर एनटीआर की अदाकारी, लेकिन कहानी का जादू फीका

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I. प्रस्तावना

सिनेमाघरों में जब भी एक नई फिल्म आती है, तो उसके साथ एक उम्मीद भी आती है। दर्शक अपनी भावनाओं को उस फिल्म के साथ जोड़ लेते हैं और एक ऐसा अनुभव चाहते हैं, जो उनके दिलों में बस जाए। “Devara” एक ऐसी फिल्म थी, जिससे दर्शकों को बहुत सारी उम्मीदें थीं। खासकर जब फिल्म में जूनियर एनटीआर और सैफ अली खान जैसे कलाकार हों, तो उम्मीदें और भी बढ़ जाती हैं।

इस फिल्म की कहानी, एक्शन और अदाकारी के मिश्रण ने दर्शकों को अपनी ओर खींचा। लेकिन क्या “Devara” दर्शकों की उम्मीदों पर पूरी तरह खरी उतरी? क्या यह फिल्म अपने कथानक के जरिए भावनाओं को छू पाई, या फिर बीच में ही अपनी पकड़ खो बैठी? इस समीक्षा में हम फिल्म के हर पहलू पर नजर डालेंगे – सैफ अली खान की दमदार एनर्जी, जूनियर एनटीआर की अदाकारी और फिल्म की कहानी का उतार-चढ़ाव।

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1. कहानी और निर्देशन का खेल

“Devara” की कहानी एक पारंपरिक एक्शन-ड्रामा है, जिसमें बदले की भावना, परिवार की जिम्मेदारियाँ और समाज की सत्ता का संघर्ष दिखाया गया है। फिल्म की शुरुआत बहुत जोरदार होती है। निर्देशक ने शुरुआत से ही माहौल को गहराई और रोमांच से भर दिया है। जूनियर एनटीआर का किरदार, जो फिल्म का केंद्र है, अपनी भावनाओं और संघर्षों के साथ पर्दे पर उभरता है।

कहानी की बुनावट अच्छी है, लेकिन समस्या तब आती है जब फिल्म अपनी गति को बरकरार नहीं रख पाती। शुरुआती हिस्से में फिल्म बहुत दमदार लगती है, लेकिन बीच में आकर यह थोड़ी धीमी और उलझन भरी हो जाती है। निर्देशक ने कोशिश की है कि हर किरदार को महत्व मिले, लेकिन कई बार इससे कहानी बिखरने लगती है।

फिल्म की पटकथा कुछ हिस्सों में बहुत प्रभावशाली है, खासकर जब जूनियर एनटीआर और सैफ अली खान आमने-सामने होते हैं। लेकिन कुछ हिस्से ऐसे भी हैं, जहां दर्शक खुद को कहानी से कटता हुआ महसूस करता है। यह कमी फिल्म के प्रवाह को थोड़ा कमजोर करती है।

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2. जूनियर एनटीआर की अदाकारी हर फ्रेम में दम

जूनियर एनटीआर के अभिनय की बात करें, तो वह इस फिल्म की जान हैं। हर दृश्य में उनकी उपस्थिति दमदार है। चाहे वह एक्शन सीक्वेंस हो या भावनात्मक दृश्य, जूनियर एनटीआर ने अपने किरदार में पूरी जान डाल दी है। उनकी स्क्रीन प्रेज़ेंस और संवाद अदायगी फिल्म को एक अलग ऊंचाई तक ले जाती है।

उनके चेहरे के हावभाव और आंखों में छिपी गहरी भावनाएं दर्शकों को किरदार के साथ जोड़ देती हैं। हर फ्रेम में वह नायक की तरह उभरते हैं, और यह उनकी अदाकारी का ही कमाल है कि दर्शक फिल्म के कुछ धीमे हिस्सों को भी सहन कर लेते हैं।

3. सैफ अली खान खलनायकी की नई परिभाषा

सैफ अली खान ने इस फिल्म में खलनायक का किरदार निभाया है, और उन्होंने इस भूमिका में गहराई और मजबूती दिखाई है। उनकी एनर्जी और दमदार डायलॉग डिलीवरी दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ती है। सैफ के किरदार में एक खास तरह की खतरनाक अपील है, जो उन्हें एक परफेक्ट विलेन बनाती है।

उनका किरदार फिल्म की कमजोरी को छिपाने में मदद करता है। हर बार जब वह स्क्रीन पर आते हैं, फिल्म की ऊर्जा अचानक बढ़ जाती है। वह एक खलनायक के तौर पर न सिर्फ डर पैदा करते हैं, बल्कि दर्शकों को अपने किरदार के प्रति आकर्षित भी करते हैं। सैफ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह एक बहुमुखी अभिनेता हैं, जो किसी भी किरदार को जीवंत बना सकते हैं।

4. एक्शन और वीएफएक्स कुछ खास नहीं

जब एक एक्शन-ड्रामा फिल्म की बात होती है, तो एक्शन सीक्वेंस बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। “Devara” में एक्शन सीक्वेंस प्रभावी तो हैं, लेकिन उनमें कुछ नया या खास नहीं है। फिल्म के वीएफएक्स का भी खास प्रभाव नहीं पड़ता। कई जगहों पर यह थोड़ा अस्वाभाविक सा लगता है, जिससे दर्शक उस दृश्य में पूरी तरह डूब नहीं पाते।

हालांकि, जूनियर एनटीआर के दमदार एक्शन और सैफ अली खान की खलनायकी के बावजूद, एक्शन सीक्वेंस उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते।

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1. संगीत और बैकग्राउंड स्कोर

फिल्म का संगीत अच्छा है, लेकिन उसमें वह खास बात नहीं है, जो लंबे समय तक याद रहे। हालांकि, बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के भावनात्मक और एक्शन दृश्यों को बेहतर बनाता है। संगीत निर्देशक ने कहानी के उतार-चढ़ाव के साथ मेल खाते हुए बैकग्राउंड स्कोर दिया है, जिससे दर्शक कहानी के साथ जुड़ पाते हैं।

2. सिनेमैटोग्राफी और लोकेशन

फिल्म की सिनेमैटोग्राफी शानदार है। दृश्य सुंदर और भव्य हैं, खासकर वे दृश्य जो प्राकृतिक लोकेशन पर शूट किए गए हैं। कैमरे का काम बहुत ही उम्दा है, जो फिल्म को एक विजुअल ट्रीट बनाता है। निर्देशक और सिनेमैटोग्राफर ने मिलकर कुछ बेहतरीन दृश्य प्रस्तुत किए हैं, जो फिल्म की खूबसूरती को बढ़ाते हैं।

3. संवाद कुछ दमदार, कुछ फीके

फिल्म के संवादों में मिश्रित प्रतिक्रिया मिलती है। कुछ संवाद दमदार हैं और उन्हें सुनकर दर्शकों में जोश भर जाता है, जबकि कुछ संवादों में वह प्रभाव नहीं है। सैफ अली खान के कुछ डायलॉग खास तौर पर यादगार हैं, जबकि जूनियर एनटीआर के डायलॉग उनके किरदार को मजबूत बनाते हैं।

4. फिल्म की लंबाई

फिल्म की लंबाई एक बड़ी कमी है। कई जगहों पर फिल्म जरूरत से ज्यादा खींची हुई लगती है। अगर इसे थोड़ा संपादित किया जाता और अनावश्यक दृश्यों को हटाया जाता, तो फिल्म और भी प्रभावी हो सकती थी।

IV. निष्कर्ष

“Devara” एक ऐसी फिल्म है, जिसमें एक बेहतरीन अदाकारी, दमदार खलनायकी, और एक मजबूत शुरुआत है। लेकिन, कहानी का धीमा हो जाना और कुछ हिस्सों में पकड़ का छूट जाना इसे एक उत्कृष्ट फिल्म बनने से रोक देता है। जूनियर एनटीआर और सैफ अली खान की अदाकारी ने फिल्म को एक अलग ही ऊंचाई पर पहुंचा दिया, लेकिन कहानी की कमजोरियां दर्शकों को पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पातीं।

यह फिल्म उन लोगों के लिए है, जो अदाकारी और एक्शन के प्रेमी हैं, लेकिन अगर आप एक मजबूत और लगातार उत्साहजनक कहानी की उम्मीद कर रहे हैं, तो आपको थोड़ा निराशा हो सकती है।

Devara के पास बेहतरीन कलाकार और शुरुआत थी, लेकिन यह फिल्म अपने आप को लंबे समय तक दर्शकों के दिलों में जगह नहीं बना पाई। फिर भी, जूनियर एनटीआर और सैफ अली खान के प्रशंसकों के लिए यह एक देखने योग्य अनुभव हो सकता है।

लोग यह भी पूछते हैं:

  1. “Devara” फिल्म में जूनियर एनटीआर की भूमिका कैसी है?
    जूनियर एनटीआर ने अपनी दमदार अदाकारी से इस फिल्म में जान डाल दी है। उनका हर दृश्य, हर संवाद दिल को छूता है। वे संघर्ष और दर्द को इतनी शिद्दत से जीते हैं कि दर्शक खुद को उनकी कहानी का हिस्सा महसूस करने लगते हैं।
  2. क्या सैफ अली खान की खलनायकी इस फिल्म में प्रभावशाली है?
    सैफ अली खान ने अपने खलनायकी अंदाज़ में एक करिश्माई उपस्थिति दर्ज कराई है। उनके किरदार में डर और आकर्षण का अनूठा मेल है, जो दर्शकों को उनकी ओर खींचता है। वे एक ऐसे विलेन हैं, जिनसे आप नफरत करते हुए भी उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते।
  3. “Devara” फिल्म की कहानी में क्या कमी है?
    हालांकि फिल्म में भावनाओं की गहराई है, लेकिन कहानी की गति कुछ स्थानों पर धीमी हो जाती है। यह ठहराव दर्शकों की उत्सुकता को थोड़ी देर के लिए कम कर सकता है, लेकिन अदाकारी इसे फिर से जीवंत कर देती है।
  4. क्या “Devara” फिल्म देखने लायक है?
    यदि आप भावनात्मक कहानियों और किरदारों के द्वंद्व को पसंद करते हैं, तो “Devara” निश्चित रूप से देखने लायक है। यह फिल्म आपको जूनियर एनटीआर और सैफ अली खान की अदाकारी के कारण प्रभावित करेगी, और कई ऐसे क्षण हैं जो आपके दिल को छू लेंगे।
  5. “Devara” फिल्म का मुख्य संदेश क्या है?
    फिल्म हमें यह सिखाती है कि ज़िंदगी की हर लड़ाई बाहरी दुनिया से नहीं, बल्कि भीतर के संघर्षों से होती है। यह एक भावनात्मक सफर है, जिसमें प्यार, बदला, और आत्मसंघर्ष के अनगिनत रूप सामने आते हैं।

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By Dumber
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Hei ystävät, nimeni on Dumber ja olen kotoisin Gurugramista, Haryanasta. Pidin autoista ja puhelimista lapsuudesta asti kovasti, siksi harrastukseni ja intohimoni toteuttamiseksi olen alkanut työskennellä Headline Dekhon parissa. Tässä pyrin antamaan sinulle tietoa uudesta tekniikasta ja ajoneuvoista. Kiitos
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