लेबनान में ग्राउंड अटैक क्यों करवा रहे हैं नेतन्याहू? जानें, हिज्बुल्लाह को लिटानी नदी के पार धकेलने की इजरायल की रणनीति

प्रस्तावना

इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच का तनाव कोई नया नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में इस तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान में ग्राउंड अटैक करने का आदेश दिया है, जिससे पूरी दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं। नेतन्याहू की यह कार्रवाई सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि इसके पीछे कई राजनीतिक और रणनीतिक कारण भी हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि आखिर नेतन्याहू हिज्बुल्लाह को लिटानी नदी के पार क्यों धकेलना चाहते हैं और इसके पीछे की रणनीति क्या है।

इजरायल-हिज्बुल्लाह: ऐतिहासिक संदर्भ

इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच का संघर्ष 1980 के दशक से चला आ रहा है। हिज्बुल्लाह एक शिया इस्लामिक संगठन है, जो लेबनान में सक्रिय है और इजरायल के खिलाफ अपने सशस्त्र संघर्ष के लिए जाना जाता है। 2006 में दोनों के बीच बड़ा युद्ध हुआ था, जो एक महीने से ज्यादा चला था। उस समय से लेकर अब तक कई छोटे-मोटे संघर्ष होते रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में तनाव ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है।

हिज्बुल्लाह का बढ़ता प्रभाव

हिज्बुल्लाह के पास इस समय न केवल राजनीतिक ताकत है, बल्कि वह एक मजबूत सैन्य संगठन भी है। इसे ईरान से समर्थन मिलता है, जो इजरायल के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। हिज्बुल्लाह के पास कई रॉकेट और मिसाइलें हैं, जो इजरायल के शहरों पर हमला कर सकती हैं। इसके अलावा, वह लेबनान के सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है, जो इजरायल के सुरक्षा के लिए खतरनाक है।

नेतन्याहू की रणनीति: हिज्बुल्लाह को लिटानी नदी के पार धकेलना

नेतन्याहू का लक्ष्य हिज्बुल्लाह को लिटानी नदी के पार धकेलना है। लिटानी नदी लेबनान में स्थित है और इसका सामरिक महत्व बहुत ज्यादा है। अगर इजरायल हिज्बुल्लाह को इस नदी के पार धकेलने में सफल होता है, तो उसे एक प्राकृतिक बफर जोन मिल जाएगा, जिससे हिज्बुल्लाह के हमलों को रोकने में आसानी होगी।

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ग्राउंड अटैक का महत्व

इजरायल का ग्राउंड अटैक केवल हिज्बुल्लाह को कमजोर करने के लिए नहीं है, बल्कि इसके कई अन्य उद्देश्य भी हैं:

  1. सुरक्षा सुनिश्चित करना: इजरायल की उत्तरी सीमा पर हिज्बुल्लाह की उपस्थिति हमेशा से ही चिंता का विषय रही है। ग्राउंड अटैक के माध्यम से इजरायल इस क्षेत्र को साफ कर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है।
  2. रणनीतिक स्थिति को मजबूत करना: लिटानी नदी के पास के इलाके को कब्जे में लेकर इजरायल अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहता है। यह इजरायल के लिए एक सैन्य और कूटनीतिक जीत होगी।
  3. हिज्बुल्लाह के हथियारों को नष्ट करना: हिज्बुल्लाह के पास भारी मात्रा में मिसाइलें और हथियार हैं, जो इजरायल के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इजरायल का मकसद इन हथियारों के ठिकानों को नष्ट करना है।

राजनीतिक पहलू: नेतन्याहू की लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश

नेतन्याहू की यह कार्रवाई केवल सैन्य नहीं, बल्कि इसका एक बड़ा राजनीतिक मकसद भी है। इजरायल में हाल ही में चुनाव हुए हैं और नेतन्याहू की सरकार को स्थिरता की आवश्यकता है। नेतन्याहू इस ग्राउंड अटैक के जरिए अपनी लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इजरायली जनता सुरक्षा को बहुत महत्व देती है, और अगर यह कार्रवाई सफल होती है, तो इससे नेतन्याहू की सरकार को बड़ा समर्थन मिल सकता है।

क्षेत्रीय राजनीति और ईरान का प्रभाव

हिज्बुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है, और यह पूरा क्षेत्रीय संघर्ष इजरायल और ईरान के बीच छद्म युद्ध का हिस्सा है। इजरायल का मकसद केवल हिज्बुल्लाह को कमजोर करना नहीं है, बल्कि ईरान के प्रभाव को भी सीमित करना है। ईरान और हिज्बुल्लाह के बीच की करीबी संबंधों को देखते हुए, यह साफ है कि इजरायल हिज्बुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई के जरिए ईरान को एक कड़ा संदेश देना चाहता है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इजरायल की इस कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण है। अमेरिका और कई यूरोपीय देश इजरायल के समर्थन में हैं, लेकिन कुछ देश इसे लेबनान की संप्रभुता के उल्लंघन के रूप में भी देख सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और शांति की अपील की है। लेकिन इजरायल अपनी सुरक्षा के नाम पर किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव को नजरअंदाज कर सकता है।

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हिज्बुल्लाह की प्रतिक्रिया

हिज्बुल्लाह भी इस स्थिति के लिए तैयार है। उसके पास मजबूत मिलिट्री नेटवर्क है और वह इजरायल पर जवाबी हमले कर सकता है। इससे पूरे क्षेत्र में एक बड़ा युद्ध छिड़ने की संभावना भी बनी हुई है। हिज्बुल्लाह के नेता भी इजरायल को चेतावनी दे चुके हैं कि अगर इजरायल ने उसकी जमीन पर आक्रमण किया, तो उसे कड़ा जवाब मिलेगा।

लिटानी नदी का सामरिक महत्व

लिटानी नदी न केवल इजरायल और लेबनान के बीच की एक प्राकृतिक सीमा है, बल्कि इसका सामरिक महत्व भी है। यह नदी दक्षिणी लेबनान में बहती है और इसके आसपास के इलाके हिज्बुल्लाह के नियंत्रण में हैं। अगर इजरायल इस इलाके को अपने कब्जे में ले लेता है, तो हिज्बुल्लाह की शक्ति कमजोर हो जाएगी और इजरायल को एक सुरक्षा बफर मिल जाएगा।

भविष्य की संभावनाएं

अगर इजरायल का ग्राउंड अटैक सफल होता है, तो इससे हिज्बुल्लाह की सैन्य ताकत कमजोर होगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि संघर्ष पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। हिज्बुल्लाह के पास अभी भी बड़ी संख्या में समर्थक हैं और वह किसी भी समय फिर से संगठित हो सकता है। इसके अलावा, इजरायल को भी अपने उत्तरी सीमावर्ती इलाकों में लंबे समय तक सैन्य उपस्थिति बनाए रखनी होगी, जो उसकी सेना पर अतिरिक्त दबाव डालेगा।

निष्कर्ष

लेबनान में इजरायल का ग्राउंड अटैक कई स्तरों पर महत्वपूर्ण है। इसका मकसद सिर्फ हिज्बुल्लाह को कमजोर करना नहीं है, बल्कि इसके पीछे रणनीतिक, राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी कारण भी हैं। नेतन्याहू अपनी सरकार की स्थिरता और अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए यह कदम उठा रहे हैं, लेकिन इसका नतीजा क्या होगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।


FAQs (Frequently Asked Questions)

  1. नेतन्याहू लेबनान में ग्राउंड अटैक क्यों करवा रहे हैं? नेतन्याहू हिज्बुल्लाह को कमजोर करने और इजरायल की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए यह अटैक करवा रहे हैं।
  2. हिज्बुल्लाह का इजरायल के लिए कितना बड़ा खतरा है? हिज्बुल्लाह के पास कई रॉकेट और मिसाइलें हैं, जो इजरायल के शहरों पर हमला कर सकती हैं, इसलिए वह इजरायल के लिए एक बड़ा खतरा है।
  3. लिटानी नदी का सामरिक महत्व क्या है? लिटानी नदी एक प्राकृतिक बफर जोन है, जिससे इजरायल हिज्बुल्लाह के हमलों से सुरक्षित रह सकता है।
  4. इस संघर्ष में ईरान की भूमिका क्या है? हिज्बुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है, और यह पूरा संघर्ष इजरायल और ईरान के बीच छद्म युद्ध का हिस्सा है।
  5. क्या इस अटैक से पूरे क्षेत्र में युद्ध छिड़ सकता है? हां, अगर हिज्बुल्लाह ने जवाबी हमला किया, तो इससे पूरे क्षेत्र में एक बड़ा युद्ध छिड़ने की संभावना है।

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